गोंडा, श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज के राजनीतिशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के दूसरे और अंतिम दिन मुख्य अतिथि प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह  ने  “वैश्विक महामारी से प्रभावित अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भारत की भूमिका” विषय पर  विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नमस्ते संस्कृति के प्रसार, बौद्ध-दर्शन के मध्यम मार्ग, जैन-दर्शन की अहिंसा और मुखाच्छादन, सम्राट अशोक का लोक कल्याणकारी रूप पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण सीख की तरह है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत की योग-विद्या और आयुर्वेद की देन विशेष चर्चा में है।
इजरायल से सारस्वत अतिथि के रूप में टेल अवीव विश्वविद्यालय में पूर्वी एशिया विभाग के प्रोफेसर गेनादी श्लोमपेर ने प्रांजल एवं प्रवहमान हिंदी में बोलते हुए कहा कि इजरायल सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की दूरदर्शितापूर्ण नीति की वजह से यहाँ के नागरिक इस कोरोना महामारी के समय में सुकून और राहत की स्थिति में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जल्दी ही इजरायल में सभी यातायात, सिनेमा हॉल बहाल हो जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने सभी भारतवासियों के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।
आज के कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. रघुवीर सिंह तोमर ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस महामारी के दौर में भारत ने दुनिया के कई देशों को दवाइयां भेजकर मदद की ; इससे हमारे हृदय की उदारता का परिचय मिलता है। अमेरिका, ब्राजील, अफगानिस्तान, कुवैत, नेपाल, मालदीव, जर्मनी सहित तमाम देशों को मदद देकर भारत ने अपनी प्राचीन गौरवशाली संस्कृति का पोषण किया है।
डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ में राजनीतिशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. शशिकांत पांडेय ने इस अवसर पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मौजूदा परिदृश्य में कोरोना वायरस और उससे संबंधित चर्चाएं और शब्दावलियां चर्चा में हैं। चर्चा इतनी अधिक है कि लगता है कि शेष समस्याएं समाप्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के आर्थिक और राजनीतिक परिणाम परेशान करने वाले होंगे। बेरोजगारी का ग्राफ भयंकर रूप से बढ़ रहा है, जीडीपी घट रही है, समूचे विश्व के समक्ष आर्थिक चुनौतियां बढ़ रही हैं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पैसों की मांग बढ़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन सभी चुनौतियों का सामना एक दूरदर्शी नीति बनाकर सामूहिक प्रयास से ही किया जा सकेगा।
डॉ. ममता यादव एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष राजनीति शास्त्र विभाग, डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ ने सरकार द्वारा रेलवे कोच को आइसोलेशन वार्ड बनाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार को प्राथमिक विद्यालयों,विवाह घरों, सामुदायिक केंद्रों, पंचायत घरों को आइसोलेशन वार्ड बनाना चाहिए न कि रेलवे के डिब्बों को।
इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जिस तरह हजारों-लाखों की संख्या में लोग सड़कों के सहारे पैदल चल पड़े, रास्ते में दुर्घटना के शिकार हुए, तरह तरह से मौतें हुई; यह बुद्धिजीवियों को संज्ञान लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार अपने नागरिकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को देखकर भेदभाव नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि जरूरत है कि उद्योगों को श्रमिकों के पास लाया जाए। भारतीय संस्कृति साहित्य और दर्शन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि हम आशावादी लोग हैं, रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे रसोईघर में है। केरल कोरोना के नियंत्रण में आयुर्वेद के चलन को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
डॉ. प्रीति चौधरी एसोसिएट प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र विभाग, भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यों को कल्याणकारी राज्य सही अर्थों में बनना होगा। गरीबी और बेरोजगारी की चुनौतियां अब और बढ़ेंगी, उन्हें दूर करने के लिए हमें कटिबद्ध होना होगा। इसके साथ ही उन्होंने अंधराष्ट्रवाद के खतरे से भी  सावधान किया।
इसके अतिरिक्त डॉ अर्जुन मिश्र, एसो. प्रो. गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय, सिद्धार्थनगर, डॉ ऋचा सिंह, डॉ अमन चंद्रा, गोंडा, डॉ प्रतिभा सिंह, डॉ. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, रायबरेली, डॉ. दमयंती तिवारी, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर, डॉ. के. एन. पांडेय, गोंडा, डॉ. जितेंद्र सिंह, मुख्य नियंता, गोंडा, डॉ. इन्द्र कुमार चतुर्वेदी, गोंडा, डॉ. मधुसूदन सिंह आदि विद्वानों- विशेषज्ञों ने इस विषय पर अपने मूल्यवान विचार व्यक्त किए।
अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के समापन सत्र के अंत में डॉ. अतुल कुमार सिंह, अध्यक्ष, राजनीति शास्त्र विभाग, एलबीएस कॉलेज ने प्रस्तुत किए गए विचारों के आलोक में अपना समापन वक्तव्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. वंदना सारस्वत ने देश-देशांतर से जुड़े इस ई – सेमिनार के अतिथि वक्ताओं के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
डॉ. शैलेंद्र नाथ मिश्र
मीडिया प्रभारी
श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज, गोंडा, उ.प्र.

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