रबी सीजन की हुई शुरुआत, किसानो के लिए जारी की गई एडवाइजरी
सरसों एवं दलहन फसलों की बुवाई के लिए सही उर्वरकों का उपयोग आवश्यक – जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
किसान भाईयों के लिए खुशखबरी है कि रबी सीजन की शुरुआत हो चुकी है और इस समय सरसों की बुवाई तेजी से की जा रही है। इस फसल से अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए किसानों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने किसानों को उर्वरकों के सही प्रयोग के लिए जागरूक करते हुए कहा है कि सरसों की अच्छी गुणवत्तायुक्त उपज प्राप्त करने हेतु सिंगल सुपर फास्फेट (एस०एस०पी०) का उपयोग किया जाना चाहिए।
डॉ. प्रमोद कुमार के अनुसार, सिंगल सुपर फास्फेट में गंधक की पर्याप्त मात्रा होती है, जो सरसों की फसल के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही, दलहन फसलों की बुवाई के लिए भी एस०एस०पी० का प्रयोग करना लाभकारी रहेगा। किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि पोटाश की कमी को पूरा करने के लिए पोटेशिक उर्वरकों का उपयोग अवश्य करें, जिससे फसल की गुणवत्ता और उपज में सुधार होगा।
जनपद में किसानों के लिए उर्वरकों की उपलब्धता पर जोर देते हुए डॉ. प्रमोद कुमार ने जानकारी दी कि उर्वरकों की आपूर्ति पूरी तरह से सुनिश्चित की गई है।
अभी जनपद में निम्नलिखित उर्वरकों की उपलब्धता है:
नाइट्रोजनस (यूरिया) उर्वरक: 617,311 बोरी, फॉस्फेटिक उर्वरक (डी०ए०पी०, एन०पी०के०, एस०एस०पी०): 395,660 बोरी, पोटेशिक उर्वरक (एम०ओ०पी०, पी०डी०एम०): 60,500 बोरी
जिला प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि किसानों की मांग के अनुसार अतिरिक्त उर्वरकों की आपूर्ति समय-समय पर की जाएगी, ताकि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
जिला कृषि अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार ने किसानों को कम से कम रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करने की सलाह दी है, ताकि जमीन की उर्वरक क्षमता लंबे समय तक बनी रहे और मिट्टी बंजर न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कम रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से न केवल पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण होगा, बल्कि किसानों और अनाज के उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।



