प्रदीप मिश्रा वरिष्ठ संवाददाता
अन्तर जनपदीय तबादले के जरिए गोण्डा आई हैं ये शिक्षिकाएं
बीएसए प्रेमचन्द्र यादव को सौंपा ज्ञापन, कहा कि स्कूल चुनने के लिए मिले अधिक से अधिक विकल्प
विकल्प के स्कूलों की संख्या बढ़ाने की मांग
गोण्डा, संवाददाता। गैर जिले से गोण्डा के लिए स्थानान्तरित होकर आई शिक्षिकाओं ने स्कूल आवंटन के समय नियमों में बदलाव की मांग की है। इन सभी के आवंटन 16 अगस्त से होने जा रहे हैं। अन्तर जनपदीस तबादले के जरिए जिले में आई इन शिक्षिकाओं व शिक्षकों को स्कूल आवंटन का इंतजार बना हुआ है। आवंटन के समय में स्कूल चुनने के लिए दिए जाने वाले स्कूलों के विकल्प बढ़ाने की मांग की। शिक्षिकाओं ने इसके लिए प्रदर्शन कर अपनी मांगों का एक ज्ञापन बीएसए प्रेमचन्द्र यादव को सौंपा। ज्ञापन में दूर स्कूल आवंटन होने को लेकर उन सभी ने बीएसए को अवगत कराया।
कहा कि दूर तैनाती मिलने से उनके सुरक्षा के प्रति खतरा रहेगा। नजदीकी स्कूलों में तैनाती की मांग भी शिक्षिकाओं ने की है।
इन शिक्षिकाओं को अन्तर जनपदीय तबादले के तहत दो माह पहले तबादला हुआ था। जिसके जरिए ये शिक्षिकाएं जिले में आई थी। जिले में आए 99 शिक्षक शिक्षिकाओं को जिले में आने के बाद बीएसए दफ्तर में ही ज्वाइन करा दिया गया था। तब से बीएसए दफ्तर में ही ये शिक्षक शिक्षिकाएं अपनी हाजिरी लगा रही हैं। शिक्षकों को स्कूल चुनने का विकल्प जल्दी ही मिलने वाला है मगर शिक्षक इसके लिए जारी नीति को लेकर मायूस हैं। उनका कहना है कि आखिर क्यूं शिक्षकों के कुल पदों के मुकाबले अधिक स्कूलों का विकल्प नहीं खोला जा रहा है। एक शिक्षक ने बताया कि मानो जैसे जिले में आए कुल शिक्षकों की संख्या 99 है जो शासन इस बार 105 स्कूलों का विकल्प देगा।
यानी कुल आए शिक्षकों की संख्या से महज पांच स्कूल ही अधिक रखे जा रहे हैं। जबकि उनके समक्ष स्कूलों की संख्या को कुल शिक्षकों की संख्या के मुकाबले दो से तीन गुना तक वैकल्पिक स्कूल होना चाहिए। प्रदर्शन करने वाली शिक्षिकाओं में नीलम शुक्ला, उर्मिला पाठक, पूनम, अखण्ड ज्योति, भावना कश्यप, करुणा स्वामी, अंजू सिंह, रेखा वर्मा, संतोष कौशल, रजनी सिंह, रोली सिंह, अनुपमा जायसवाल, नुपुर पाण्डेय, सुधा मिश्रा, आरिफा खातून, संगीता, ममता, आशी शुक्ला, वंदना सिंह, अर्शी बानो, शशी के अलावा संदीप सिंह अविनाश सिंह आदि रहे।
फिर खुला जिले में रुके शिक्षकों के तबादले का रास्ता : जिले से बाहर तबादला पाने के बावजूद 69000 की भर्ती अक्तूबर 2020 में हुई थी। इन शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगा दी गई थी। ऐसे में तबादला पाने के बाद भी शिक्षक व शिक्षिकाएं जिले में ही रह गए थे। जिनमें जादातर संख्या शिक्षिकाओं की थी। आदेश आने के बाद एक बार इन तबादलारत शिक्षक शिक्षिकाओं को जिले से रिलीव करने के निर्देश दिए गए हैं।



