विशेष श्रृंखला: देवीपाटन मंडल में ज़मीन घोटालों की परतें
सफेदपोशों के संरक्षण में फलता-फूलता रहा जमीन माफिया तंत्र
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता, गोंडा

देवीपाटन मंडल में जमीन से जुड़े फर्जीवाड़ों की सबसे गहरी जड़ें गोंडा जिले में फैली हैं। यहां भूमि घोटालों का एक ऐसा तंत्र खड़ा हुआ है जिसमें न केवल भूमाफिया बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सफेदपोश नेताओं का संरक्षण भी शामिल है। वर्ष 2023 में गोंडा जिले को इस नेटवर्क के ‘मॉडल सेंटर’ के तौर पर देखा गया, जहां सबसे ज़्यादा फर्जी बैनामे और धोखाधड़ी के केस सामने आए।

2023 में 86 मुकदमे: गोंडा बना घोटालों का हब
तत्कालीन डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने जब जिले में जमीन घोटाले के मामलों की परतें खोलनी शुरू कीं, तब केवल गोंडा नगर कोतवाली में ही 86 मुकदमे दर्ज हुए। हर मामला अपने-आप में गंभीर और संगठित अपराध की बानगी था। आरोपियों ने फर्जी खतौनी, जाली हस्ताक्षर और कूटरचित पहचान पत्रों के सहारे बेशकीमती जमीनें बेच दीं।

सफेदपोशों का साया: अपराधियों के सिर पर ‘राजनीतिक’ हाथ
सूत्रों की मानें तो कई मामलों में भूमाफियाओं के संपर्क सीधे सत्ता या प्रशासन में बैठे प्रभावशाली लोगों से रहे। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद भी उन पर कानूनी शिकंजा कसने में जो ढिलाई बरती गई, वह इन्हीं ‘ऊपर के रिश्तों’ की ओर इशारा करती है।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “कुछ आरोपित तो गिरफ्तारी से पहले ही जमानत का प्रबंध कर लेते थे। कई बार दबाव इतना होता था कि जांच अधिकारी फाइल को हाथ लगाने से भी कतराते थे।”

डीआईजी के तबादले के बाद ठंडी पड़ी कार्रवाई
डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल के तबादले के बाद घोटाले से जुड़े अधिकतर मामले ठंडे बस्ते में चले गए। मुकदमे तो दर्ज रहे, पर न जांच आगे बढ़ी, न ही पीड़ितों को न्याय मिला। कई पीड़ित अब भी दस्तावेजों के साथ न्यायालय और थानों के चक्कर काट रहे हैं।

रिकवरी न होने से खुली पुलिस की पोल
गिरफ्तारी तो कई मामलों में हुई, लेकिन सबसे बड़ी नाकामी रही धन की रिकवरी न हो पाना। जिन लोगों से लाखों की ठगी हुई, उन्हें एक फूटी कौड़ी भी वापस नहीं मिली। इसका फायदा आरोपितों ने कोर्ट से राहत पाकर उठाया।

आईजी के निर्देश से दोबारा गर्म हुई फाइलें
अब आईजी अमित पाठक के निर्देश के बाद फिर से पुरानी फाइलें खोली जा रही हैं। थाना प्रभारियों को कहा गया है कि केवल गिरफ्तारी ही नहीं, बल्कि ठगी से अर्जित संपत्तियों की पहचान कर जब्ती की कार्रवाई भी करें।

संपत्ति की जांच और कुर्की की तैयारी
गोंडा पुलिस ने भूमाफियाओं की संपत्ति का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। कई मामलों में आरोपितों ने जमीन बेचकर आलीशान मकान, गाड़ियां और दूसरी संपत्तियां अर्जित की हैं। प्रशासन अब उन्हें कुर्क करने की प्रक्रिया में जुट गया है।

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